Bakari palan: मीट के लिए पाल रहे हैं बकरा, तो खिलाये ये खास हरा चारा, चमड़ी होगी मोटी और मांस भी बिकेगा महंगा
Bakari palan: मीट के लिए पाल रहे हैं बकरा, तो खिलाये ये खास हरा चारा, चमड़ी होगी मोटी और मांस भी बिकेगा महंगा
पिछले साल भारत में लगभग 100 लाख टन मीट का उत्पादन हुआ था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह आंकड़ा भविष्य में और भी बढ़ सकता है। इसके साथ ही, बकरा और भैंस मीट के एक्सपोर्ट में भी डबल उछाल देखा जा सकता है।
गोट एक्सपर्ट्स बताते हैं कि देश में बकरी पालन का मुख्य उद्देश्य अब दूध की तुलना में मीट उत्पादन बन चुका है। बीते साल, मीट के लिए एक करोड़ से अधिक बकरे काटे गए थे। बढ़ते मुनाफे के कारण देश में बकरा पालन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। एक्सपर्ट्स भी इसे एक लाभकारी व्यवसाय मानते हैं।
लेकिन अगर बकरा पालन के दौरान आप बाजार की मांग के अनुसार हरा चारा खिला रहे हैं, तो यह आपके मुनाफे को और बढ़ा सकता है। क्योंकि एक्सपोर्ट के दौरान कई समस्याएं आती हैं, जिनसे बचने के लिए सही चारा महत्वपूर्ण है।बीते साल भारत में लगभग 100 लाख टन मीट का उत्पादन हुआ था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह आंकड़ा भविष्य में और भी बढ़ सकता है। इसके साथ ही, बकरा और भैंस मीट के एक्सपोर्ट में भी डबल उछाल देखा जा सकता है।
लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पशुओं के खानपान और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना जरूरी है।
खिलाये ऑर्गेनिक चारा
चारा एक्सपर्ट और वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद आरिफ बताते हैं कि मीट एक्सपोर्ट के दौरान बकरे के मीट की केमिकल जांच होती है, जिसे हैदराबाद के राष्ट्रीय मीट अनुसंधान संस्थान द्वारा अंजाम दिया जाता है। कई बार देखा गया है कि जांच के बाद मीट कंसाइनमेंट वापस लौट आया, क्योंकि बकरों को जो चारा खिलाया गया था उसमें पेस्टीसाइड के तत्व मौजूद थे।
इस समस्या से निपटने के लिए अब देश में ऑर्गेनिक चारा भी उगाया जा रहा है, जिसे बकरों को खिलाने से मीट में हानिकारक केमिकल्स नहीं पाए गए।
ऑर्गेनिक चारा खिलाने से ना केवल मीट की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि बकरी के दूध की भी मांग और कीमत में वृद्धि होती है। इसलिए, यदि पशुपालक अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो उन्हें अपने बकरों और बकरियों को ऑर्गनिक चारा खिलाना चाहिए।